शनिवार, 9 अक्टूबर 2021
tu he junoon tu he sukun.........
"नदी का बहाव चाहे जितना भी तेज हो, उसे बहने दो, जहा जाना चाहती है जाने दो, कब तक आखिर कब तक वो किसी किनारे से अछूती रहेगी , उसे अपनी मंजिल तक पहुचने के लिए कभी तो किसी न किसी साहिल का सहारा लेना ही पड़ेगा जो उसे उसके मुक़ाम तक पहुंचाएगा" (एक ज़र्रा)
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